कहते है ना की - "बिहार आके लिट्टी चोखा ना खैलं, त का खैलं हो !" लिट्टी चोखा को बिहार का सुप्रसिद्ध व्यंजन माना जाता है। बिहारी पहचान वाले इस व्यंजन को लोग चाव से खाते हैं। आज लिट्टी चोखा के स्टॉल हर शहर में दिख जाते हैं। लिट्टी चोखा खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है, ये सेहत के लिए भी फायेदमंद है। बिहार के साथ साथ उत्तर प्रदेश, झारखंड में भी लिट्टी चोखा अत्यंत प्रचलित है I गेहूं के आटे में सत्तू को भरकर इसे आग पर पकाया जाता है । फिर देसी घी में डुबोकर इसे खाया जाता है। जिन्हें कैलोरी की फिक्र है, वो बिना घी में डुबोये लिट्टी का स्वाद ले सकते हैं। तला-भुना नहीं होने की वजह से ये सेहत के लिए अच्छा है। इसे ज्यादातर बैंगन के चोखे के साथ खाया जाता है। बैंगन को आग में पकाकर उसमें टमाटर, मिर्च और मसाले को डालकर चोखा तैयार किया जाता है। बिहार में ये खासा लोकप्रिय है। इसे बनाना भी आसान है और ये पौष्टिक भी है। लिट्टी-चोखा का इतिहास मगध काल से जुड़ा है। कहा जाता है कि मगध साम्राज्य के दौरान लिट्टी चोखा प्रचलन में आया। बाद में ये मगध साम्राज्य से देश के दूसरे हिस्सों में भी...